Motivational story in hindi ईश्वर का न्याय

ईश्वर का न्याय

(Motivational story in hindi)

Motivational story in Hindi – Hello, आज मैं एक MOTIVATIONAL STORY लेकर आई हूं जो कि आप को motivate करेगी और साथ ही साथ जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए आप को प्रेरित करेगी और आपको यह बताएगी कि आपको जिंदगी में किस तरीके से अपनी situation को हैंडल करना है और आगे बढ़ना है ताकि आप जिंदगी में हमेशा ऊपर की तरफ बढ़े है।यह कहानी आपको ज़िन्दगी में हमेशा खुश रहना सिखा देगी। Best motivational story

नरेश नाम का एक व्यक्ति शहर की छोटी सी गली में रहता था। वह एक मेडिकल स्टोर का मालिक था उसको सभी दवाइयों की अच्छी जानकारी थी। 10 साल का अनुभव होने के कारण उसे अच्छी तरह पता था कि कौन सी दवाई कहां रखी है। इस काम को बड़े ही शौक से करता था। दिन-ब-दिन उसकी दुकान में भीड़ बढ़ती रहती थी और वह ग्राहकों को उनकी जरूरत की दवाइयां बहुत सावधानी से देता था, पर उसे भगवान पर कोई भरोसा नहीं था वह एक नास्तिक था। भगवान के नाम से ही वह चिड़ता था। घरवाले उसे बहुत समझाते पर वह उनकी एक भी नहीं सुनता था। खाली वक्त मिलने पर वह अपने दोस्तों के संग घर या दुकान में ताश खेला करता था।
एक दिन उसके दोस्त उसका हाल चाल पूछने दुकान में आए और अचानक बहुत तेज बारिश होने लगी बारिश की वजह से दुकान में भी कोई नहीं था। बस फिर क्या था सब दोस्त मिलकर ताश खेलने लगे। तभी एक छोटा सा लड़का उसकी दुकान में दवाई लेने आया, उसका पूरा शरीर भीगा दिखा था। नरेश ताश खेलने में इतना मस्त था। ठंड से ठिठुरते हुए उस लड़के ने दवाई की पर्ची आगे बढ़ाते हुए कहा साहब जी मुझे यह दवाइयां चाहिए। मेरी मां बहुत बीमार है उनको बचा लीजिए। बाहर और सब दुकानें बारिश की वजह से बंद है। आपकी दुकान को देखकर मुझे विश्वास हो गया कि मेरी मां बच जाएगी। इसी बीच लाइट भी चली जाती है, बारिश भी थोड़ी कम हो रचुकी थी उस लड़के की आवाज सुनकर ताश खेलते खेलते ही नरेश ने उस पर्ची को हाथ में लिया और दवाई लेने को उठा ताश के खेल को पूरा ना कर पाने के कारण अध मन से अंधेरे में ही दवाई की शीशी निकालकर उस लड़के को दे दिया। उस लड़के ने दवाई के दाम देखकर बाकी के पैसे जेब में रख लिया और फिर खुशी-खुशी दवाई की शीशी लेकर निकल गया।

Motivational story in hindi ईश्वर का न्याय

नरेश भी दुकान को जल्दी बंद करने की सोच रहा था जब तक लाइट आ गई और वह यह देखकर हैरान रह गया कि उसने जिस दवाई की शीशी समझ कर उस लड़के को दिया था वह चूहे मारने वाली जहरीली दवा थी, जिसे किसी ग्राहक ने थोड़ी देर पहले ही लौटाई थी और ताश खेलने की धुन में उसने अन्य दवाइयों के बीच यह सोच कर रख दिया कि ताश की बाजी के बाद उसे अपनी जगह पर वापस रख देगा।अब उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसकी 10 साल की नेकी पर मानो ग्रहण लग गया हो। उस लड़के के बारे में सोच कर वह बहुत परेशान होने लगा और यह भी सोचा कि अगर वह दवाई उसने अपनी मां को दे दी तो, वह अवश्य मर जाएगी और लड़का भी बहुत छोटा होने के कारण उस दवाई को तो पढ़ना भी नहीं जानता होगा। अगले ही पल अपनी इस भूल के लिए खुद को बहुत कोसने लगा और ताश खेलने की अपनी आदत को छोड़ने का निश्चय किया, पर यह बात तो बाद में देखी जाएगी, अभी क्या किया जाए? उस लड़के का पता ठिकाना भी तो नहीं जानता कैसे उस बीमार मां को बचाया जाए। उसको बार-बार उस मासूम से बच्चे की शक्ल नजर आ रही थी, बेचैनी घबराहट से वह इधर-उधर देखने लगा, पहली बार उसकी नजर दीवार के उस कोने पर पड़ी जहां उसके पिता ने जिद्द करके भगवान श्री कृष्ण की तस्वीर दुकान के उद्घाटन के वक्त लगाई थी। पिता से हुई बहस में पिताजी की कही हुई बात उसे याद आ गई कि बेटे जीवन में भगवान को एक बार जरूर आजमा कर देखना, परमात्मा वहां काम आते हैं जहां कोई और काम नहीं आता है। नरेश को यह सारी बात याद आने लगी आज उसने इस अद्भुत शक्ति को आजमाना चाहा उसने कई बार अपने पिता को भगवान की तस्वीर के सामने हाथ जोड़कर आंखें बंद करते हुए पूजा करते हुए देखा था । उसने भी भगवान कृष्ण जी की तस्वीर को देखा और आंखें बंद करके दोनों हाथों को जोड़कर वहीं खड़ा हो गया ।

इंसान का नसीब उतनी बार बदलता है , जितनी बार वह ईश्वर को याद करता है ..
इंसान का नसीब उतनी बार बदलता है , जितनी बार वह ईश्वर को याद करता है।

थोड़ी देर बाद वह छोटा लड़का फिर दुकान में आया, नरेश के पसीने छूटने लगे और बहुत परेशान हो उठा। पसीना पूछते हुए उसने कहा क्या बात है बेटा तुम्हें क्या चाहिए लड़के की आंखों से पानी चलकने लगा उसमें रोते-रोते कहा साहब मां को बचाने के लिए मैं दवाई की शीशी लिए घर लेकर जा रहा था तभी बारिश की वजह से मैं फिसल गया और दवाई की शीशी गिर गई और टूट गई। क्या आप मुझे वह दवाई फिर से दे सकते हैं लड़के ने उदास होकर पूछा? हां हां क्यों नहीं नरेश ने राहत की सांस लेते हुए कहा-” लो यह दवाई। पर उस लड़के ने दवाई की शीशी लेते हुए कहा- मेरे पास तो बहुत कम पैसे हैं नरेश ने सुकून भरी आवाज में कहा” कोई बात नहीं तुम ही दवाई ले जाओ और अपनी मां को बचाओ” जाओ जल्दी करो और हां अब की बार जरा संभल कर जाना लड़का बोला अच्छा साहब और वहां से चला गया मरीज की जान में जान आई और भगवान को धन्यवाद देते हुए अपने हाथों से उस धूल भरी तस्वीर को अच्छा और सीने से लगा लिया अपने भीतर इस परिवर्तन को वह अपने घर वालों को सुनाना चाहता था जल्दी से दुकान बंद करके वह घर को रवाना हो गया उसकी नास्तिकता की अंधेरी रात बीत गई थी और अगले दिन की नई सुबह एक नए नरेश के स्वागत में तैयार थी इंसान का नसीब उतनी बार बदलता है जितनी बार वह ईश्वर को याद करता है ।

दोस्तो , उम्मीद करती हूं कि आपको यह कहानी  ईश्वर का न्याय Motivational story in hindiपसंद आई होगी। मेरी इस कहानी से आपने काफ़ी कुछ सीखा होगा कृपा Comment करके जरूर बताएं।  नीचे दिए गए EMOJI पर क्लिक करके आप इस पोस्ट को लाइक कर सकते हैं। Bell icon 🔔 आइकन पर क्लिक करे और नए पोस्ट को सबसे पहले पाए। ऐसी ही  Hindi story के लिए कृपया इस पोस्ट को शेयर करे और हम से जुड़े रहे ।

Hindi Kahani : इन कहानियों को भी ज़रूर पढ़ें:

हालातो से कैसे जीते ।

साहस के साथ जीवन में कदमों को आगे बढ़ाएं । 

एक संघर्ष जीवन का ।

अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें ।

यदि आप इस ब्लॉग पर हिंदी में अपना कोई आर्टिकल या जो भी जानकारी Share करना चाहते हैं  (Guest Post) तो कृपया अपनी पोस्ट    E-mail करें. Id है – ‘[email protected]’ पसंद आने पर आपकी पोस्ट zindagiup.Com प्रकाशित की जाएगी।

 

10 thoughts on “Motivational story in hindi ईश्वर का न्याय

  • November 14, 2020 at 5:45 pm
    Permalink

    Nice respond in return of this difficulty with genuine arguments and telling everything concerning that. Babbie Hill Karolyn

    Reply
  • November 15, 2020 at 12:43 am
    Permalink

    Thanks really beneficial. Will certainly share site with my pals. Lebbie Fidole Asquith

    Reply
  • November 16, 2020 at 1:14 pm
    Permalink

    Undeniably imagine that which you stated. Your favorite reason seemed to be on the internet the simplest thing to take into accout of. Dynah Robinson Lattie

    Reply
  • December 7, 2020 at 6:30 pm
    Permalink

    Thanks for sharing your thoughts on magazin pescuit. Elset Bartholomew Gennaro

    Reply
  • December 9, 2020 at 3:35 pm
    Permalink

    What a material of un-ambiguity and preserveness of precious know-how concerning unpredicted feelings. Meara Homerus Amelie

    Reply
  • December 9, 2020 at 10:11 pm
    Permalink

    Welcome to my website! Horror games? Resident Evil. Claribel Jerome Simone

    Reply
  • May 2, 2021 at 5:40 pm
    Permalink

    I am grateful to you for this beautiful content. I have included the content in my favorites list and will always wait for your new blog posts.

    Reply
  • August 13, 2021 at 8:08 am
    Permalink

    Hello there! This article couldn’t be written much better!
    Looking through this article reminds me of my previous roommate!
    He always kept preaching about this. I’ll forward this post to him.
    Pretty sure he will have a very good read. Thank you for sharing!

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!