Hindi Moral Story :: बुरे कर्म का बुरा फल
बुरे कर्म का बुरा फल
Hindi Moral Story;- एक बार पहाड़ों में जाकर भगवान महावीर तपस्या कर रहे थे । वह तपस्या में लिन रहते थे। कुछ समय बाद अचानक एक व्यक्ति वहां आया और उन्हें तकलीफ देने लगा, लेकिन महावीर शांत रहे उन्होंने कोई हलचल नही करी। थोड़ी देर बाद में फिर से वह व्यक्ति उन्हें और तकलीफ देने लगा लेकिन भगवान महावीर ने ना तो गुस्सा किया और ना ही उसे रोकने की कोशिश की। जब दूसरे व्यक्ति ने देखा कि उनके ऊपर कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा है तो वह उन्हे ओर कष्ट देने लगा
वह उनके कान में लकड़ी का एक टुकड़ा बार-बार डाल रहा था। जिसके कारण महावीर के कानों में से खून बहने लगा लेकिन वह व्यक्ति नहीं माना। फिर उसने दूसरे कान में भी वही लकड़ी डालना चालू कर दिया लेकिन उसने देखा कि भगवान महावीर के कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
कुछ समय में भगवान महावीर के आंखों से आंसू बहने लगे और वह व्यक्ति मन ही मन खुश होने लगा। उसने भगवान महावीर से कहा – “देखो मैंने तुम्हें कष्ट दे ही दिया ना। तुम्हें पीड़ा हो रही है ,पर फिर भी तुमने मुझे क्यों नहीं रोका।”
तब भगवान महावीर ने आंखें खोली और बोले – “दर्द मेरे तन को नहीं मन को हो रहा है।” व्यक्ति बोला- “ऐसे कैसे? खून तो आपके तन से बह रहा है,आपके मन को तकलीफ क्यों हो रही है?”
Hindi Moral Story :: बुरे कर्म का बुरा फल
महावीर ने कहा-” शरीर के विषय में मुझे नहीं मालूम। तुम्हें अच्छा लगे वही तुम करो परंतु तुमने जो कर्म किए हैं|उसके लिए तुम्हें कितना कष्ट भोगना पड़ेगा यही सोचकर मैं हताश हूं। मेरी चिंता मेरे शरीर की नहीं बल्कि तुम्हें मिलने वाले दर्द की है।”
मैं उसके बारे में सोच कर बैठा हूं।यह सुनकर वह व्यक्ति महावीर के चरणों में गिर पड़ा और माफी मांगने लगा।
Moral of story;-
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि- “हमें किसी से हीन भावना नहीं रखनी चाहिए। जब हम दूसरों को तकलीफ देते हैं, उस समय हम नहीं जानते कि उसकी वजह से हमें क्या तकलीफ आगे भोगने को मिलेगी। इसलिए हमेशा अपने कर्म अच्छे रखने की कोशिश करो और दूसरों से किसी भी तरह की गलत भावना ना रखो क्योंकि आपके कर्म आपके ही काम आएंगे।”
This story teaches us that we should not feel inferior to anyone. When we give trouble to others, at that time we do not know that because of that we will have to suffer further. That’s why always try to keep your deeds good and don’t keep any kind of wrong feeling from others because your deeds will be useful for you.
Hindi Moral Story :: बुरे कर्म का बुरा फल
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