भाई – बहन का रिश्ता Value For Each Other
आज की कहानी नक्ष की है।नक्ष के पिताजी जोर से आवाज लगाते हैं नक्ष कहां रह गए तुम,’ तुम्हें पता नहीं है कि नूपुर आने वाली है और तुम्हें स्टेशन जाना है नूपुर को लेने। उसकी पहली राखी है और तुम्हारा कर्तव्य बनता है कि तुम जाकर उसको स्टेशन से लेकर के आओ वहां station पर तुम्हरा इंतजार करेगी। वह अपनी राखी यही मनाएगी हम सब के साथ और सुन तू अपनी नई गाड़ी लेकर जा, जो तूने कल खरीदी हैं उसे अच्छा लगेगा।
नक्ष कहता है पापा,”मेरी गाड़ी तो मेरा दोस्त लेकर के गया है सुबह ही। और आपकी गाड़ी भी ड्राइवर लेकर गया है और बोल रहा था कि ब्रेक चेक करवाना है। पिताजी बोले नक्श तुम्हें स्टेशन तो जाओ किसी और की गाड़ी लेकर या टैक्सी करके चले जाओ। उसे बहुत अच्छा लगेगा। नक्श कहता हैं,” पापा वह बच्ची थोड़ी ना है जो आ नहीं सकती। स्टेशन पर बहुत टैक्सी और ऑटो है वह लेकर आ जाएगी। पिताजी कहते हैं तुम्हें शर्म नहीं आती ऐसा कहते हुए । घर में गाड़ियां होते हुए भी घर की बेटी ऑटो- टैक्सी करके आएगी। नक्ष कहता हैं ,”पापा आपको जाना है तो जाओ मेरे पास सुबह- सुबह और भी बहुत काम है करने को।
भाई – बहन का रिश्ता Value For Each Other
पिताजी कहते हैं आज राखी है आज क्या काम आ गया और तुम्हें अपनी बहन की जरा सी भी फिक्र नहीं है। शादी हो गई तो इसका मतलब यह थोड़ी ना है कि पराई हो गई है । जितना अधिकार तुम्हारा इस घर पर है उतना ही तुम्हारी बहन का भी है। क्या उसे हम सब का प्यार पाने का हक नहीं है । कोई भी बेटी या बहन मायका छोड़ने के बाद में पराई नही होती। नक्श कहता है ,”पापा मेरे लिए पराई हो चुकी है और इस घर पर सिर्फ और सिर्फ मेरा अधिकार है।
यह सुनते ही पापा का हाथ ऊठ जाता है तभी नक्श की मां जाती हैं और कहती हैं कि आपको शर्म नहीं आती इस तरह कभी भी अपने जवान बेटे पर हाथ नहीं उठाते हैं।
इसने क्या कहा तुमने सुना, यह अपनी बहन को ही पराया कहता है जो एक पल भी इससे जुदा नहीं होती थी, हर पल इसका ख्याल रखती थी। अपनी पॉकेट मनी से पैसे बचाकर कुछ ना कुछ इसके लिए लाया करती थी। विदाई के वक्त भी हमसे ज्यादा अपने भाई से गले लग कर रोई थी और यह आज उसी बहन को पराया कहता हैं।
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नक्श मुस्कुरा कर बोला बुआ का भी तो आज राखी पर हक बनता आने का। , वह भी कई बार इस घर में आई है पर हर बार ऑटो से आई है। आप कभी भी अपनी गाड़ी लेकर उनको लेने नहीं गए । माना आज वह बहुत तकलीफ में है पर उन्होंने भी तो इस घर को और आपको बहुत प्यार दिया है। हमेशा आपका साथ दिया है। हम सब को भी बहुत लाड से खिलाया है। बुआ भी इस घर से विदा हुई थी, फिर बुआ और नूपुर में इतना फर्क कैसे हैं।
नूपुर मेरी बहन है पर बुआ भी तो आपकी बहन है। पापा आप मेरे मार्गदर्शक हो आप मेरी हीरो हो, लेकिन इस बात को सोच कर मैं अक्सर अकेले में रोता हूं कि बुआ के साथ ऐसा व्यवहार क्यों होता है। इस बात को सुन कर पापा के आंखो में भी आंसु आ जाते हैं। और नक्श भी रोने लग जाता है । कहीं ना कहीं उनको अपनी बातों पर पश्यताप भी हो रहा होता हैं उनको पुराने राखी के दिन याद आने लगते है कि तभी बाहर गाड़ी रुकने की आवाज आती है।

नूपुर फटाफट दौड़ कर अंदर आती है और मम्मी पापा को गले लगाती है। लेकिन उन लोगों की ऐसी हालत देखकर वह पूछती है क्या हुआ पापा। पापा बोलते हैं तेरा भाई आज मेरा भी पापा बन गया है।
नूपुर बोलती है ,”यह पागल यह नई गाड़ी तो बहुत ही अच्छी है मैंने ड्राइवर (driver)को पीछे बिठा दिया और मैं खुद गाड़ी चला कर आई हूं और कलर (color)भी बहुत अच्छा है, बिल्कुल मेरी पसंद का ।
भाई – बहन का रिश्ता Value For Each Other
नक्ष कहता,” हैप्पी रक्षाबंधन दीदी- यह आपके लिए राखी का गिफ्ट(Gift) है यह गाड़ी आपकी है । बहन सुनते ही खुशी से उछल पड़ती है, तभी तभी बुआ अंदर आयी और कहा कि थैंक्यू भैय्या बहुत ही अच्छा सरप्राइज दिया है आपने लेकिन अगर आपने मुझे पहले बताया होता तो में कुछ तैयारी करती और सबके लिए कुछ ना कुछ तोहफे ले आती। और कहती है मैं कितनी भाग्यशाली हूं मुझे पापा जैसा भाई मिला है ,भगवान करे हर जन्म में मुझे ऐसा ही भाई मिले।
नक्ष के पापा मम्मी को पता चल गया था कि यह सब नक्श का करा धराया है। उनकी आंखों से आंसू रुक ही नहीं रहे थे क्योंकि उनको यह बात भी समझ आ गई थी कि कल को अगर हम नहीं रहे तो भी हमारा बेटा रिश्तो को और जिम्मेदारियों को बहुत अच्छे से निभाएगा।
Moral of this story:
भाई – बहन का रिश्ता Value For Each Other
बेटी और बहन यह दो बहुत अनमोल शब्द हैं। अनमोल शब्द के साथ-साथ बहुत अनमोल रिश्ते भी है इनके लिए हमारी जिम्मेदारी सबसे अधिक है क्योंकि बाकी सब लोग हमारे नजदीक रहते हैं और वो लोग हम से दूर किसी और घर में रहती हैं उनका ख्याल रखना और उनका ध्यान रखना हमारे लिए बहुत जरूरी है ताकि उनको कभी भी ना लगे कि मायके का घर उनका नहीं है। भाई बहन का रिश्ता जन्म भर का होता है किसी और के घर में जाने से या शादी होने से यह कम नहीं होता है । और राखी का त्यौहार भाई बहन का त्यौहार होता है इससे 1 दिन नहीं हर एक दिन निभाना होता है बहन के लिए भाई हमेशा अनमोल ही होता है तो इस अनमोल रिश्ते को अनमोल दिन में पूरी खुशी से जरूर मनाए। अपने मां बाप को एहसास दिलाया कि उनकी लिए वह बेटी है और आपके लिए वह बहन है उसमें कोई फर्क नहीं है।
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