Maha Shivratri Story: महाशिवरात्रि से जुड़ी सच्ची कथा

Maha Shivratri Story

(महाशिवरात्रि से जुड़ी सच्ची कथा)

महा शिवरात्रि इस पर्व को पूरे देश भर में भगवान शिव के प्रति पूरी आस्था और श्रद्धा से मनाया जाता है। इस साल शिवरात्रि 1 मार्च 2022 को मनाई जा रही है। इस पर्व को लेकर कई प्रचलित मान्यताओं में से एक है कि इस दिन भगवान शिव, लिंग के रूप में प्रगट हुए थे । वही कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
भगवान शिव जिस लिंग के रूप में प्रगट हुए थे उन्हे ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। हमारे देश में कुल 12 ज्योतिर्लिंग है। साल में होने वाली 12 शिवरात्रि में से इसी शिवरात्रि को महाशिवरात्रि  के रूप में मनाया जाता है।

Maha Shivratri Story: महाशिवरात्रि से जुड़ी सच्ची कथा

कालकुट कथा

देवताओं और राक्षसों के बीच में अमृत पाने के लिए समुंदर मंथन हुआ था। समुंदर में से अमृत निकलने के पहले एक विष निकला। यह विष इतना खतरनाक था की इससे पूरा ब्रह्मांड खतम हो सकता था और इस विष का नाम कालकूट था। इस विष से केवल भगवान शिव ही ब्रह्मांड को बचा सकते थे। भगवान शिव उस विष को अपनी हथेली में रख कर पी गए परंतु उसे अपने गले के नीचे उतरने नही दिया। (इसी विष को पीते समय उसकी कुछ बूंदे धरती पर गिरी,जिसका अंश हम आज भी सांप, बिच्छू, आदि में देखते है) उन्होंने इस विष को अपने कंठ में रख लिया। इससे उनका कंठ (गला) नीला हो गया और इसी वजह से भगवान शिव को नीलकंठ के नाम से भी पुकारा जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव ने पूरे विश्व को इस विष से बचा लिया इसी उपलक्ष में महा शिवरात्रि Maha Shivratri मनाई जाती है।

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व्रत कथा

एक जंगल में एक शिकारी रहता था। एक दिन पेड़ पर बैठे शिकार का इंतजार करने लगा। काफी देर इंतजार करने के बाद भी उसे कोई शिकार हाथ नही लगा। तब वो पेड़ के पत्ते तोड़कर नीचे फेंकने लगा। इंतजार करते करते रात हो गई और रात से सुबह। शिकारी रात भर पत्ते तोड़कर नीचे फेंकता रहा। संयोगवश वह पेड़ बेल का था और दिन था महाशिवरात्रि का। शिकार ना मिलने की वजह से वह पूरा दिन कुछ खा नही पाया। जब सुबह रोशनी हुई तो उसने देखा की जिस जगह वह पत्ते फेक रहा था वहा शिवलिंग था। और इस तरह अनजाने में उस शिकारी ने महाशिवरात्रि का व्रत किया और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई। इसीलिए इस दिन से मोक्ष प्राप्ति की साधना के तौर पर महाशिवरात्रि Maha Shivratri का व्रत रखने की परंपरा की शुरुआत हुई । इसीलिए इस दिन शिवलिंग की पूजा की जाती है और उस पर बेलपत्र भी चढ़ाए जाते है।

 

ज्योतिर्लिंग के नाम:

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
7.  विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
11. रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग
12. घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग

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