Happy Krishna Janmasthami 2023:: मोरपंख क्यों पहनते हैं श्रीकृष्ण? इसके पीछे है खास वजह

मोरपंख क्यों पहनते हैं श्रीकृष्ण?

Happy Krishna Janmasthami 2023:- जन्माष्टमी का आयोजन भारत भर में धूमधाम से किया जाता है, लेकिन इसके प्रमुख स्थलों में मथुरा और वृंदावन का खास महत्व होता है। जन्माष्टमी के दिन भक्त अपने घरों में  बांके बिहारी और श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं। रात्रि में भगवान के जन्मस्थल पर विशेष पूजा आयोजित की जाती है और फलाहारी प्रसाद बांटा जाता है। भगवान के लीलाओं की कथाएं सुनाई जाती है और उनके भक्तों द्वारा उनके गुणों की महिमा गाई जाती है। इस खास मौके पर मनाए जाने वाले पर्व के दिन भक्त व्रत, पूजा-अर्चना, संकीर्तन और साधु-संतों की सत्संगति के माध्यम से अपने मानसिक और आध्यात्मिक जीवन को समृद्धि प्रदान करते हैं।

मोरपंख क्यों पहनते हैं श्रीकृष्ण ?

मोरपंख श्रीकृष्ण के विशिष्ट रूप के साथ जुड़े एक महत्वपूर्ण प्रतीक हैं। इसके पीछे कई धार्मिक और पौराणिक कथाएं हैं जो इसके पहनने के पीछे हैं।

⇒ मोर की प्रेम कथा: श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कथाओं में मोरपंख की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। कहते हैं कि श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम इतना अद्भुत था कि मोर भगवान कृष्ण के रंग और विभूति में पिघलकर दिखाई देते थे। इसलिए, श्रीकृष्ण ने मोरपंख पहनना शुरू किया था, ताकि वह राधा के प्रति अपनी प्रेम की भावना को दर्शा सकें।

⇒ लीला और सौंदर्य: मोरपंख के सजीव रंग, उनकी पुंखों की खूबसूरती और मनमोहक पंखों की झिलमिल श्रीकृष्ण के रूप की विशेषताओं को प्रकट करते हैं। श्रीकृष्ण की विलासिता और खुशियों की प्रतिष्ठा को यह पंख प्रतिनिधित्व करते हैं।

⇒ धार्मिक आदर्श: मोरपंख धार्मिक आदर्शों की प्रतीक होते हैं। यह उनकी अद्भुतता, परमात्मा के दिशा-निर्देश और दिव्यता को दर्शाते हैं।

⇒ कृष्ण भक्ति: भगवान श्रीकृष्ण के भक्त अक्सर मोरपंख को अपने भक्ति और साधना का प्रतीक मानते हैं। इसका पहनना उनकी श्रद्धा और निष्ठा को प्रकट करने का एक तरीका हो सकता है।

कृष्ण के मोरपंख पहनने का कारण भगवान की अनुग्रह और आकर्षण को प्रकट करना हो सकता है, जोकि उनके आदर्श भक्तों को आकर्षित करता है। यह प्रकृति के साथ भगवान की एकता का प्रतीक भी हो सकता है, जैसा कि मोरपंख उनके पौराणिक कथाओं में भी उल्लिखित है।

भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तिगत रूप, उनके आदर्श और भक्ति में मग्नता ने उन्हें उनके अनुयायियों के बीच एक विशेष स्थान दिलाया है। इसी तरह, मोरपंख उनके रूप की आकृति में एक और गहराई डालते हैं और उनके दिव्यता को दर्शाते हैं।

कुल मिलाकर, श्रीकृष्ण के मोरपंख पहनने का कारण उनके आदर्श और भक्ति में भक्तों को आकर्षित करना है, जिससे वे उनके दिव्य और अद्भुत रूप को पहचान सकें।

इन सभी कारणों से, मोरपंख श्रीकृष्ण के दिव्यता, प्रेम और रंगीन व्यक्तित्व का प्रतीक होते हैं जिन्हें उनके भक्त और अनुयायी उनके माधुर्य और लीलाओं के माध्यम से अनुभव करते हैं।

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