Story of Son ।। एक बेटे की कहानी ।। Inspirational Story in Hindi 2023
एक बेटे की कहानी
Inspirational Story in Hindi:
दोस्तों आप सभी का स्वागत है मेरे पेज पर आज की कहानी आपको सिखाएगी कीएक बेटा अपनी मां के लिए क्या क्या कर सकता है। एक बेटा अपनी सुख सुविधाओं को छोड़कर अपनी मां की खुशी के बारे में सोचता है आइए जानते हैं। आइए जानते हैं इस कहानी के बारे में:-आइए जानते हैं इस कहानी के बारे में:- इस कहानी के बारे में:-
” माँ, मुझे कुछ महीने के लिये विदेश जाना पड़ रहा है। तेरे रहने का इन्तजाम मैंने करा दिया है।” तक़रीबन 32 साल के , अविवाहित डॉक्टर सुदीप ने देर रात घर में घुसते ही कहा।” बेटा, तेरा विदेश जाना ज़रूरी है क्या ?” माँ की आवाज़ में चिन्ता और घबराहट झलक रही थी।
” माँ, मुझे इंग्लैंड जाकर कुछ रिसर्च करनी है। वैसे भी कुछ ही महीनों की तो बात है।” सुदीप ने कहा।
” जैसी तेरी इच्छा।” मरी से आवाज़ में माँ बोली और छोड़ आया सुदीप अपनी माँ ‘प्रभा देवी’ को पड़ोस वाले शहर में स्थित एक वृद्धा-आश्रम में।
वृद्धा-आश्रम में आने पर शुरू-शुरू में हर बुजुर्ग के चेहरे पर जिन्दगी के प्रति हताशा और निराशा साफ झलकती थी। पर प्रभा देवी के चेहरे पर वृद्धा-आश्रम में आने के बावजूद कोई शिकन तक न थी।
एक दिन आश्रम में बैठे कुछ बुजुर्ग आपस में बात कर रहे थे। उनमें दो-तीन महिलायें भी थीं। उनमें से एक ने कहा, ” डॉक्टर का कोई सगा-सम्बन्धी नहीं था जो अपनी माँ को यहाँ छोड़ गया।”
तो वहाँ बैठी एक महिला बोली, ” प्रभा देवी के पति की मौत जवानी में ही हो गयी थी। तब सुदीप कुल चार साल का था।पति की मौत के बाद, प्रभा देवी और उसके बेटे को रहने और खाने के लाले पड़ गये। तब किसी भी रिश्तेदार ने उनकी मदद नहीं की। प्रभा देवी ने लोगों के कपड़े सिल-सिल कर अपने बेटे को पढ़ाया। बेटा भी पढ़ने में बहुत तेज था, तभी तो वो डॉक्टर बन सका।”
Story of Son ।। एक बेटे की कहानी ।। Inspirational Story in Hindi 2023
वृद्धा-आश्रम में करीब 6 महीने गुज़र जाने के बाद एक दिन प्रभा देवी ने आश्रम के संचालक राम किशन शर्मा जी के ऑफिस के फोन से अपने बेटे के मोबाईल नम्बर पर फोन किया, और कहा, ” सुदीप तुम हिंदुस्तान आ गये हो या अभी इंग्लैंड में ही हो ?”
” माँ, अभी तो मैं इंग्लैंड में ही हूँ।” सुदीप का जवाब था।
तीन-तीन, चार-चार महीने के अंतराल पर प्रभा देवी सुदीप को फ़ोन करती उसका एक ही जवाब होता, ” मैं अभी वहीं हूँ, जैसे ही अपने देश आऊँगा तुझे बता दूँगा।”
इस तरह तक़रीबन दो साल गुजर गये। अब तो वृद्धा-आश्रम के लोग भी कहने लगे कि देखो कैसा चालाक बेटा निकला, कितने धोखे से अपनी माँ को यहाँ छोड़ गया। आश्रम के ही किसी बुजुर्ग ने कहा, ” मुझे तो लगता नहीं कि डॉक्टर विदेश-पिदेश गया होगा, वो तो बुढ़िया से छुटकारा पाना चाह रहा था।”
तभी किसी और बुजुर्ग ने कहा, ” मगर वो तो शादी-शुदा भी नहीं था।”
” अरे होगी उसकी कोई ‘गर्ल-फ्रेण्ड’ , जिसने कहा होगा पहले माँ के रहने का अलग इंतजाम करो, तभी मैं तुमसे शादी करुँगी।”
दो साल आश्रम में रहने के बाद अब प्रभा देवी को भी अपनी नियति का पता चल गया। बेटे का गम उसे अंदर ही अंदर खाने लगा। वो बुरी तरह टूट गयी।
MORE STORIES:
दो साल आश्रम में और रहने के बाद एक दिन प्रभा देवी की मौत हो गयी। उसकी मौत पर आश्रम के लोगों ने आश्रम के संचालक शर्मा जी से बोला, ” की कम से कम उमा देवी के मरने की बात उनके बेटे को दे दो।
वैसे भी हमें लगता है वह यहीं कहीं देश में ही होगा।
” इसके बेटे को मैं कैसे बता यह बात । क्योंकि उसे मरे हुए तीन साल हो गये है ।”
शर्मा जी की यह बात सुन वहाँ पर उपस्थित लोग सनाका खा गये।
उनमें से एक बोला, ” अगर उसे मरे तीन साल हो गये तो प्रभा देवी से मोबाईल पर कौन बात करता था।”
” वो मोबाईल तो मेरे पास है, जिसमें उसके बेटे की रिकॉर्डेड आवाज़ है।” शर्मा जी बोले।
“पर ऐसा क्यों ?” किसी ने पूछा।
तब शर्मा जी बोले कि करीब चार साल पहले जब सुदीप अपनी माँ को यहाँ छोड़ने आया तो उसने मुझसे कहा, ” शर्मा जी मुझे ‘ब्लड कैंसर’ हो गया है। और डॉक्टर होने के नाते मैं यह अच्छी तरह जानता हूँ कि इसकी आखिरी स्टेज में मुझे बहुत तकलीफ होगी। मेरे मुँह से और मसूड़ों आदि से खून भी आयेगा। मेरी यह तकलीफ़ माँ से देखी न जा सकेगी। वो तो जीते जी ही मर जायेगी। मुझे तो मरना ही है पर मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण मेरे से पहले मेरी माँ मरे। मेरे मरने के बाद दो कमरे का हमारा छोटा सा ‘फ्लेट’ और जो भी घर का सामान आदि है वो मैं आश्रम को दान कर दूँगा।”
यह दास्ताँ सुन वहाँ पर उपस्थित लोगों की आँखें झलझला आयीं।
प्रभा देवी का अन्तिम संस्कार आश्रम के ही एक हिस्से में कर दिया गया। उनके अन्तिम संस्कार में शर्मा जी ने आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों के परिवार वालों को भी बुलाया।
*माँ-बेटे की अनमोल और अटूट प्यार की दास्ताँ का ही असर था कि कुछ बेटे अपने बूढ़े माँ/बाप को वापस अपने घर ले गये।
Moral of this story:
आज के जमाने में हर किसी के लिए मां-बाप बोझ हो जाते हैं और वह अपने माता पिता को खुद से दूर किसी वृद्धा-आश्रम या किसी घर में अकेला छोड़ कर दूर रहने लग जाते है।लेकिन माता-पिता की कीमत क्या है बच्चों के लिए यह उनके बुढ़ापे में ही पता चलता है। बच्चों को हमेशा अपने मां पापा का ध्यान रखना और उनकी हर जरूरत को बुढ़ापे में पूरा करने का कर्तव्य होता है।
In today’s era, parents are burdened for everyone and they leave their parents away from themselves and leave them alone in an old ashram or a house. What is the value of the parents,but this is known only in his old age. Children always have a duty to take care of their mother father and to fulfill their every need in old age.
Story of Son ।। एक बेटे की कहानी ।। Inspirational Story in Hindi 2023
दोस्तो , उम्मीद करती हूं कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी। मेरी इस कहानी से आपने काफ़ी कुछ सीखा होगा कृपा Comment करके जरूर बताएं। नीचे दिए गए EMOJI पर क्लिक करके आप इस पोस्ट को लाइक कर सकते हैं। Bell icon 🔔 आइकन पर क्लिक करे और नए पोस्ट को सबसे पहले पाए। ऐसी ही Motivational story के लिए कृपया इस पोस्ट को शेयर करे और हम से जुड़े रहे ।
Story in hindi : इन कहानियों को भी ज़रूर पढ़ें:
- अगर आप भी धन के पीछे भाग रहे हैं यह कहानी आपके लिए
- साहस के साथ जीवन में कदमों को आगे बढ़ाएं ।
- एक संघर्ष जीवन का ।
- अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें ।
- आखिरी प्रयास Best Motivational Story In Hindi
- हमेशा सीखते रहो Motivational Story In Hindi
- शिकंजी का स्वाद Best Motivational Stories In Hindi
- जब थक जाओ तो ये कहानी पढ़ लेना ।
- परोपकार का हीरा ।
- आपसी तालमेल Best Motivational story
- जीवन क्या हैं ? What is life? Motivational Story In Hindi
- ब्लू शार्क और मछलियाँ Story in hindi
- विश्वास की शक्ति कहानी | Power of faith story in hindi
- कुछ कठिन फैसलों के पीछे की कहानी ।। Story In Hindi
- दिल की अमीरी ।। Best Motivational Story
यदि आप इस ब्लॉग पर हिंदी में अपना कोई आर्टिकल या जो भी जानकारी Share करना चाहते हैं (Guest Post) तो कृपया अपनी पोस्ट E-mail करें. Id है – ‘[email protected]’ पसंद आने पर आपकी पोस्ट zindagiup.Com प्रकाशित की जाएगी।